एक अकेले आदमी के कुछ करने से दुनिया तो नहीं बदल जाएगी, लेकिन वो एक आदमी जिसके लिए आप कुछ करेंगे उसकी दुनिया ज़रूर बदल जाएगी !!
हमने अपने आस-पास बड़े बुजुर्गों को और भी लोगों को दूसरों की भलाई करने की बात करते हुए सुना है | लेकिन हम सबके मन में ये बात ज़रूर आती है की एक अकेला आदमी पूरी दुनिया की भलाई कैसे करेगा ? इस बात पे आज आपको एक कहानी सुनाता हूँ |
एक शनिवार को राहुल एक 8 साल का बच्चा अपने स्कूल से आता है और आते ही अपनी माँ को ख़ुशी-ख़ुशी बताता है की – माँ कल सन्डे है न तो स्कुल में टीचर ने होमवर्क दिया है की कल मुझे 10 अनजान लोगों से मिलना है और उन्हें गले लगा कर कहना है कि ‘चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जायेगा, मैं हूँ न तुम्हारे साथ, तुम्हे इस दुनिया की सारी ख़ुशियाँ मिलेगी और आई लव यू |’
राहुल की माँ भी उसकी ख़ुशी में खुश होती है और उससे वादा करती है की कल वो दोनों मॉल चलेंगे वहां बहुत लोग मिल जायेंगे तो होमवर्क और घूमना दोनों हो जायेगा | अब तो राहुल अगले दिन का बेसब्री से इंतज़ार करता है बस उसे ऐसा लग रहा होता है कितने जल्दी ये आज का दिन बीते और सन्डे आजाये |
अगली सुबह जब राहुल उठता है तो बहुत तेज़ बारिश हो रही होती है, वो बहुत उदास होता है | उसकी माँ कहती है आज तो बारिश हो रही है अब मॉल कैसे जायेंगे और चले भी गए तो बारिश के कारण वहां ज़्यादा लोग मिलेंगे नहीं |
ये सुनकर राहुल और उदास हो जाता है | उसकी उदासी देख कर उसकी माँ उसे मनाती है फिर दोनों रेनकोट पहन कर राहुल की माँ की स्कूटी में मॉल की तरफ़ निकल जाते है | राहुल बहुत ही उत्साहित था | मॉल पहुँच कर दोनों माँ–बेटा एक-एक कर लोगों से मिलने लगते है |
उस दिन बारिश हो रही थी इसीलिए मॉल में लोग भी कम मिलते है | करीब 9 लोगों से राहुल मिलकर टीचर की बताई हुई बात कहता है और बहुत खुश होता है | शाम होने वाली होती है तो राहुल की माँ उसे वहां से चलने को कहती है |
वो लोग वहां से निकल जाते है पर राहुल को उस दसवें इंसान की तलाश रहती है |रास्ते में जाते हुए राहुल को एक घर दिखाई देता है वो अपनी माँ को स्कूटी रोकने को कहता है उसकी माँ उसे समझाती है पर राहुल ज़िद करता है तो वो रुक जाती है |
स्कूटी से उतर कर राहुल उस घर के दरवाज़े पे जाकर खटखटाता है कुछ देर तक रुकने के बाद भी कोई दरवाज़ा नहीं खोलता तो वो फिरसे खटखटाता है तब तक उसकी माँ भी वहाँ पर आजाती है | कुछ देर बाद अन्दर से एक बूढी महिला दरवाज़ा खोलती है |
उसके बाहर आते ही राहुल बहुत ख़ुश होता है और उस महिला को गले लगा कर बोलता है चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जायेगा, मैं हूँ न तुम्हारे साथ, तुम्हे इस दुनिया की सारी ख़ुशियाँ मिलेगी और आई लव यू’ उस नन्हे से बच्चे से इस तरह की बात सुन कर वो महिला राहुल को गले से लगा कर फुट-फुट कर रोने लगती है |
उसे इस तरह रोते देख कर राहुल उसे बताता है की – टीचर ने होमवर्क दिया है की आज मुझे 10 अनजान लोगों से मिलना है और उन्हें गले लगा कर ये कहना था की ‘चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जायेगा, मैं हूँ न तुम्हारे साथ, तुम्हे इस दुनिया की सारी ख़ुशियाँ मिलेगी और आई लव यू |’ राहुल की माँ उस महिला को संभालती है कुछ समय बाद सामान्य होने पर वो महिला राहुल और उसकी माँ को अन्दर आकर बैठने को कहती है और उनके लिए चाय बनाती है |
चाय पीते हुए राहुल की माँ उस महिला से बात करने की कोशिश करती है – आप ठीक है न ? घर पे और कोई नहीं है क्या अभी ? तब वो महिला बताती है कि – कुछ समय पहले ही मेरे पति गुज़र गए | एक बेटा है लेकिन वो भी शहर में अपने परिवार के साथ अपनी ज़िन्दगी में मस्त है |
बेटे के पढाई लिखाई और ज़िन्दगी सवारने के लिए मेरे पति ने क़र्ज़ लिया था वही उतारते-उतारते एक दिन वो इस दुनिया से चले गए | बेटा फ़ोन पे ठीक से बात भी नहीं करता | इस घर में अकेले रहती हूँ, बहुत उदास और अकेलापन लगता है ऐसा लगता है |
जैसे इस दुनिया में किसी को मेरी ज़रूरत ही नहीं है न ही किसी को मेरे मरने-जीने से कोई फ़र्क पड़ता है और आज अपने इस अकेलेपन और उदासी से थक कर मैं खुदखुशी करने जा रही थी की तभी, दरवाज़े पे दस्तक हुई पहले तो मुझे लगा की कौन आएगा मुझसे मिलने गलती से ग़लत घर में आ गया होगा |
फिर जब दुबारा दरवाज़े पे दस्तक हुई तो आपके इस नन्हे फ़रिश्ते को देख कर और उसकी बातें सुन कर मुझे लगा इसे मेरे भगवान् ने मेरे पास भेजा है | उसके बाद से मैं यही सोच रही हूँ की जब एक छोटे से बच्चे को ये बात समझ आ गई है की दूसरों को ख़ुशी देने से हम खुद ख़ुशी पा सकते है तो फिर मैं भी अबसे अपना जीवन दूसरों को ख़ुशी देने में बिताऊँगी और अब यही मेरे जीने की वजह भी है |
उसके बाद उस महिला के पास अपना नाम, पता और फ़ोन नंबर दे कर फिर मिलने का वादा करके राहुल और उसकी माँ वहां से चले गए | उस दिन राहुल बहुत ख़ुश था उसकी माँ को भी अन्दर से बहुत शांति मिल रही थी उसके बेटे के कारण एक महिला की जान बच गई थी |
बस इतना ही तो करना है एक इंसान को दुसरे अनजान इंसान के लिए, एक दुसरे की दिल की बातें, दुःख, दर्द, तकलीफ बिना कोई राय बनाये सुन ले | लेकिन इंसानों की इतनी भीड़ में भी ऐसे लोगों की बहुत कमी है | तो आइये हम मिलकर ऐसा बनने का निश्चय करें जिससे की हम किसी एक भी इंसान की दुनिया अगर बदल सकें तो बहुत है |
Chinta Mat Karo – Main hoon na tumhare Saath | चिंता मत करो – मैं हूँ न तुम्हारे साथ1 thought on “”
Ji lein Jara