जो पहले से तुम्हारे पास है, पहले उसका तो सहीं इस्तमाल करना सीख लो, फिर और ज्यादा पाने की मांग करो
हर मनुष्य के अन्दर बहुत कुछ नया जानने की इच्छा होती है, पर अब तक जो जानते हो क्या उसका सहीं इस्तेमाल किया है ? ये सवाल हमे अपने आप से करना चाहिए | आज की ये बात हमारे लेख में एक छोटी से चिड़िया हमें समझाएगी | आइये एक कहानी से इस बात को समझने की कोशिश करते है और साथ ही में ये कहानी आपको लाइफ की तीन बहुत ही महत्वपूर्ण सीख भी देगी, तो आइये पढ़िए ये कहानी –
एक बार एक आदमी जंगल में विचरण करता रहता है, कि अचानक उसकी नज़र एक बहुत ही सुन्दर सी नन्ही सी चिड़िया पर पड़ती है | एक ऐसी चिड़िया जो उसने कभी भी नहीं देखी थी | सुन्दर जीवों को देख कर भी वैसे ही जी ललचा जाता है जैसे सुंदर किसी भी चीज़ को देख कर जैसे फूल, या कोई सामान को देख कर ललचा जाता है | ठीक उसी तरह इस आदमी का भी मन ललचा जाता है, और उसे लगता है कि, क्यूँ न इस चिड़िया को पकड़ कर अपने घर पर कैद कर के रख लूँ | ये विचार आने के बाद उस चिड़िया को पकड़ने में वो लग जाता है, उसके बाद बहुत मेहनत से उसने उस चिड़िया को पकड़ भी लिया | लेकिन उसके बाद जो हुआ वो उसे बहुत ही हैरान कर देने वाला था – ‘वो चिड़िया बोल पड़ी’ जी हाँ वो चिड़िया बोलने लग गई और बोली की- ‘दया करके मुझे जाने दो मुझ पर दया करो और मुझे जाने दो अगर तुम मुझे जाने देते हो तो मैं तुम्हे तीन रत्न दूंगी’ ये सुन कर आदमी अचरज में पड़ जाता है और उस चिड़िया से पूछता है – ‘रत्न कैसे रत्न’ | तब चिड़िया बोलती है की ‘मैं तुम्हे कुछ ऐसे सुझाव या सीख दूंगी जो तुम्हारे जीवन को बहुत आसन और बहुत ही खूबसूरत बना देंगे’ | वो आदमी तुरंत मान गया और उस चिड़िया से बोला ‘ठीक है मैं छोड़ दूंगा तुम्हे लेकिन कब दोगी तुम मुझे सुझाव?’ तो चिड़िया बोली – ‘पहला सुझाव जैसे ही तुम मुझे छोडोगे वैसे ही दे दूंगी, दूसरा सुझाव दूंगी उस पेड़ की डाली के ऊपर बैठने के बाद और तीसरा और आखरी सुझाव दूर आकाश में पहुँच जाउंगी उसके बाद’ | वो आदमी तुरंत मान गया और उस चिड़िया को छोड़ दिया, छुटते ही उस चिड़िया ने बोला ये रहा तुम्हे मेरा पहला सुझाव – तुमसे ज़िन्दगी में कोई भी ग़लती हो जाए तो कभी भी उस गलती के लिए अपने आप को तकलीफ मत देना, दुखी मत होना या किसी भी तरह की आत्मग्लानी में मत चले जाना, क्यूंकि जो हो चूका है उसे बदला नहीं जा सकता’| आदमी ने बोला ‘ठीक है’ | फिर चिड़िया पेड़ की टहनी में जाकर बैठ गयी और आदमी से बोली ये रहा मेरा दूसरा सुझाव – ‘कभी भी किसी ऐसी बात पर यकीन मत करना जो तुम्हारी सामान्य ज्ञान (common sense) से परे हो, मतलब हर इंसान की एक सामान्य समझ होती है, जिससे वो ये समझ सकता है, की क्या हो सकता है, और क्या नहीं हो सकता, ऐसी कोई भी बात जो तुम्हारे सामन्य ज्ञान से परे हो उस पर तब तक विश्वास मत करना जब तक तुम्हारे हाथ में उसका कोई ठोस सबूत न हो | आदमी ने फिर बोला ‘ठीक है’
उसके बाद चिड़िया आसमान में उड़ गई और एक बड़े से पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पे जाकर बैठ गई, और ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगी, उस आदमी को थोडा अटपटा लगा उसने चिड़िया से पुछा- “हँस क्यूँ रही हो मुझे अपनी तीसरी सीख अपना तीसरा सुझाव दो “, चिड़िया बोली ‘तुम बहुत बड़े मुर्ख हो मैंने तुम्हे बोला की तुम मुझे छोड़ दो तो मैं तुम्हे तीन रत्न दूंगी और तुम मान गए, मैं एक अद्भुत चिड़िया हूँ, मेरे अन्दर तीन बड़े-बड़े हीरे है, अगर तुम मुझे पकड़ कर ले जाते और मुझे मार कर वो हीरे ले लेते तो तुम कितने बड़े राईस बन जाते तुम्हारे सारे दुःख तकलीफ ख़त्म हो जाते |
वो आदमी अपना सर पकड़ कर रोने लगता है पश्चाताप की अग्नि में जलने लगता है और कहता है– ‘ये मैंने क्या कर दिया बहुत बड़ी ग़लती हो गई मुझसे’ कुछ देर सर पीटने के बाद कहता है ‘चलो अब तो मैंने तुम्हे छोड़ ही दिया है तो अब तुम मुझे अपनी तीसरी सीख ही दे दो’ | तो वो छोटी से चिड़िया बोलती है – ‘क्या करोगे नई सीख लेकर जब तुम पुरानी दोनों सीख भूल चुके हो’ | वो आदमी भौचक रह जाता है |चिड़िया बोलती है – मेरी पहली सीख मैंने तुम्हे दी थी की अपनी किसी भी ग़लती पे अपने आप को परेशान मत करना और पश्चाताप की अग्नि में खुद को मत जलना पर तुम मुझे छोड़ देने की अपनी गलती पे अपने आप को कितना परेशान कर रहे हो और खुद को सज़ा देने के लिए कुछ भी कर जाने के लिए तैयार हो | मेरी दूसरी सीख की कभी भी किसी ऐसी बात पर यकीन मत करना जो तुम्हारी सामान्य ज्ञान (common sense) से परे हो, मुझ जैसी छोटी से चिड़िया में बड़े-बड़े हीरे कैसे हो सकते है ? तुमने ये सोचा ही नहीं!! फिर भी अगर तुम मुझसे मांग रहे हो तो मैं तुम्हे अपनी तीसरी सीख दे देती हूँ – मेरा तीसरा सुझाव ये होगा की ‘तुम्हारे लिए कुछ भी नया सीखने का कोई मतलब नहीं अगर तुमने अब तक जो सीखा है उसे अपने जीवन में पूरी तरह इस्तेमाल नहीं कर पाए हो |
जी हाँ, हम सब भी तो यही कर रहे है अपने आपको नई-नई जानकारीयों से ओवरलोड कर रहे है, नई-नई डीग्री डिप्लोमा लेते जा रहे है, लेकिन जो अभी तक सीखा है क्या उसका जीवन में पूरा इस्तेमाल कर लिया है? इसके बारे में हमने कभी सोचा ही नहीं | knowledge और makeup दोनों एक सी चीज़ है – knowledge और makeup दोनों तब तक काम नहीं आते जब तक उसे apply नहीं किया गया हो | और ये पूरा ब्रम्हांड, या ये पूरी कायनात हमे कोई भी नया ज्ञान या कोई भी नई चीज़ तभी देगी जब आप अब तक का दिया हुआ पूरी तरह से इस्तेमाल कर चुके होंगे, उसका सदुपयोग कर चुके होंगे | तो अगर, आपके पास भी कोई ऐसी कला है या ज्ञान है जो इस कायनात ने आपको दी है तो पहले उसका सदुपयोग कीजिये फिर कुछ और मांगिए |
Aapke Paas Jo Hai Uski Sarahana Karana Kyon Mahatvapoorn hai | आपके पास जो है उसकी सराहना करना क्यों महत्वपूर्ण है8 thoughts on “”
Fantastic 👌👌
Thanx
Great story
A very deep learning
Thanx
Very nice story.
Thanx
bahut badhiya
thanx