आपके अच्छे कर्मों का फल लौट के आपके पास ही आता है | कब कैसे और कहाँ ये कोई नहीं जनता | कैलेंडर हमेशा तारीख बदलता है लेकिन उसी बदलते हुए कैलेंडर के साथ एक तारीख ऐसी आती है जो कैलेंडर को हमेशा के लिए बदल देती है | इसी बात के साथ आज की अपनी ये कहानी शुरु करते है |
एक छोटे से शहर में एक ग़रीब परिवार का लड़का रहता था | उसके परिवार में ज़्यादा पैसा नहीं था इसलिए वो घर-घर जा कर कुछ छोटा-मोटा सामान बेचता था और उसी पैसे से अपनी स्कूल की फीस भरता था और मन लगा कर पनी पढाई भी करता है | एक दिन भरी दोपहरी में वो लड़का ऐसे ही गलियों में घूम कर सामान बेच रहा था, गर्मी का मौसम था काफी देर हो गई थी उसके पास कुछ खाने को भी नहीं था तो उसने सोचा – अब जिस भी घर में सामान बेचने जाऊंगा वहां पैसे के बदले कुछ खाने का मांग लूँगा | वो एक घर में गया वहां घर में एक लड़की निकली उसने अपना सामान बेचा लेकिन, लड़के को थोडा अजीब लग रहा था उस लड़की से खाना मांगना तो उसने एक ग्लास पानी मांग लिया | वो लड़की अन्दर गई पानी लेने लेकिन उसने सोचा – गर्मी का समय है और ये लड़का ऐसे सामान बेच रहा है लड़का थका हुआ लग रहा है भूखा भी होगा कुछ खाया भी नहीं है उसने शायद – ऐसा सोचते हुए वो पानी की जगह एक ग्लास दूध लेकर चली गई | लड़की ने उस लड़के को दूध का ग्लास दिया तो लड़का भी बहुत खुश हो गया उसने दूध पिया और मन ही मन सोच रहा था की – ऊपर वाला अभी भी है उसका आशीर्वाद अभी भी है अभी दुनिया से इंसानियत ख़त्म नहीं हुई है अभी भी ऐसे लोग है इस दुनिया में जिनके अन्दर लोगों की मदद करने की और उनकी तकलीफ़ समझने की सोच बरक़रार है | ऐसे ही अच्छे ख्याल उसके दीमाग में चल रहे थे और उसका दूध का ग्लास ख़त्म हुआ | उस लड़के ने लड़की से पुछा दूध के ग्लास के कितने पैसे हुए, लड़की ने बोला – कुछ भी नहीं मेरी मम्मी ने सिखाया है किसी के लिए कुछ अच्छा करते है तो उसके पैसे नहीं लेते | और ये बात सुन कर उस लड़के ने उसे “धन्यवाद” कहाँ और वहां से चला गया | उस पुरे दिन उस लड़के के दीमाग में वही सब अच्छी बातें चल रही थी की दुनिया में अभी भी इन्सान जिंदा है अभी पूरी दुनिया ख़राब नहीं हुई है और यही सब सोचते हुए वो मन में ख़ुशी महसूस करता रहा |
ऐसे ही उस लड़के के दिन बीतते गए वो अपनी मेहनत से काम करते हुए अपनी पढाई करता रहा और उसे आगे बढ़ने का मौका मिलता रहा, उसने खूब मेहनत की और एक दिन एक बहुत बड़ा और अच्छा डॉक्टर बन गया, एक बड़े शहर के सबसे बड़े हॉस्पिटल में डॉक्टर बन कर मरीजों का ईलाज करने लगा | एक दिन उसके पुराने शहर के हॉस्पिटल से बहुत ही serious condition में एक लड़की इस हॉस्पिटल में भेजी जाती है | डॉ. उसका ईलाज करना शुरु करते है | उस लड़की के घर वालों से बात करने पे उन्हें पता चलता है की ये लड़की तो उसी शहर की है जहाँ बचपन में वो घूम-घूम कर सामान बेचा करते थे | गली मोहल्ले के बारे में बात करने पर डॉक्टर सब समझ जाते है की वो लड़की कौन है | लड़की के घर वालों से और बात करने पे पता चला है की उस लडकी के बचपन में ही कुछ समय बाद उनके परिवार पे संकट आया और उनकी माली हालत ख़राब होने लगी और धीरे – धीरे उस लड़की को एक बीमारी ने भी घेर लिया |
डॉक्टर को अब तक सब कुछ समझ आ गया, उसने अपनी सारी मेहनत पढाई और जानकारी लगा कर उस लड़की का ईलाज किया और धीरे-धीरे वो लड़की ठीक होने लगी | लड़की, उसके घर वाले, वो डॉक्टर, सब बहुत खुश थे. पर उस लड़की को कहीं न कहीं ये चिंता सता रही थी की ठीक होने के बाद हॉस्पिटल का बिल भी चुकाना पड़ेगा और उसके लिए उनके पास पैसे नहीं थे, यहीं सब सोचते हुए समय कट रहा था | आखिर कार वो दिन आया जब वो पूरी तरह ठीक हो चुकी थी और हॉस्पिटल वाले उसे डिस्चार्ज करने वाले थे वो लड़की और उसके घर वाले बहुत ख़ुश थे लेकिन थोड़े परेशान भी थे, पैसों को लेकर | तो जब फाइनल डिस्चार्ज के टाइम पे उन्हें बिल भेजा जा रहा था, उस लिफ़ाफे में डॉ. से अपनी तरफ से एक सन्देश लिख कर भेजा और हॉस्पिटल स्टाफ से कहाँ की इसे जाकर उस लड़की को दे दें | जब वो लिफ़ाफ़ा उस लड़की को दिया गया तो वो परेशान थी क्यूंकि उसे पता था इतने दिनों के ईलाज का बिल काफ़ी ज़्यादा होगा और उसके पास इतने पैसे नहीं थे, फिर भी उसने वो लिफ़ाफ़ा खोला और उसमे जो सन्देश था उसे पढ़ा, उसमे लिखा था – “आपके इतने दिनों के ईलाज का बिल का पेमेंट आपने बहुत साल पहले एक ग्लास दूध से कर दिया है इसीलिए अब आपको कोई बिल नहीं भरना है” | ये सन्देश पढने के बाद उस लड़की की आँखों से आंसू बहने लगे वो अपने आप को रोक नहीं पा रही थी, उसने कभी सोचा भी नहीं था की उसके साथ ऐसा कुछ भी हो सकता था | इतने में डॉक्टर उस लड़की के सामने आके खड़े होते है और उस लड़की को बताते है की – मैं ही वो डॉक्टर हूँ जो उस दिन वहाँ गलियों में सामान बेच रहा था और आपने मुझे भूखा प्यासा परेशान देख कर पानी की जगह एक ग्लास दूध पिलाया था |
इसीलिए कहते है, जिंदगी में अगर आप अच्छा करेंगे तो अच्छा आपके पास वापस आएगा बुरा करोगे तो बुरा घूम फिर कर आपके पास आएगा – इस दुनिया में कर्म सबसे बड़ी चीज़ है | ये कोई नई बात नहीं है हर वेद, पुराण, शास्त्र सब में यही लिखा है | हमेशा अच्छे कर्म करो, दूसरों की मदद करो क्यूंकि इस दुनिया में किसी इंसान के पास न पैसा हमेशा रहने वाला है, न नाम, न शोहरत, जो रहेगा वो है हमारे कर्म – चाहे अच्छे हो या बुरे | जैसा कर्म हम करेंगे उसी का फल हमे वापस मिलेगा, कब कैसे और कहाँ ये कोई नहीं बता सकता |
Achchhe Karma Kya hai? | अच्छे कर्म क्या है ? | What is Good Work?5 thoughts on “”
Super 👌👌
Thanks
👍
Thnakyou
bahut achcha