आज के समय में आपने लगभग हर एक इंसान के मुंह से ये दो शब्द ज़रूर सुना होगा “Attitude और Ego”, बहुत से लोगों को ये गलतफैमी है की ये दोनों एक ही है, लेकिन सच यह है कि दोनों ही एक दुसरे के बिल्कुल विपरीत है, उदाहरण से समझें तो जैसे आपने कहा की “मैं ये कर सकता हूँ”“मैं बेस्ट हूँ” ये है Attitude और अगर आपने कहा कि “ये सिर्फ मैं ही कर सकता हूँ””सिर्फ मैं ही बेस्ट हूँ” यह हुआ Ego | Attitude एक सकारात्मक रवैया है वही पर Ego जिंदगी को तबाह कर देने वाला नकारात्मक रवैया है | आज के लेख में मैं आपको इन दोनों के बीच जो महीन अंतर है वही बताने की कोशिश कर रहा हूँ, उम्मीद है आपको शायद इनके बीच का अंतर समझ आ जाये और आप भी अपने जीवन में अपने अन्दर Attitude रखें मगर Ego कभी ना लाये |
अब आप अपनी आँखे बंद कर के देखिये, जैसे ही आपके सामने कोई Attitude शब्द का इस्तेमाल करता है तो आपको किसका चेहरा नजर आता है, मुझे लगता है आपको किसी अकडू, घमंडी इन्सान का चेहरा आपके सामने नजर आता होगा | मगर Attitude का घमंड या अकड़ से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है | किसी व्यक्ति का रवैया, व्यव्हार, किसी भी काम, समस्या या किसी परिस्थिति के प्रति किसी व्यक्ति का नजरिया और उसको नियंत्रण करने का तरीका ही उस व्यक्ति का Attitude है | हर इन्सान की कामयाबी और नाकामयाबी उसके Attitude पर ही निर्भर करती है | आस-पास के माहौल, संगती, चींजों को देखने समझने, परखने की खुद का नजरिया यह सभी मिलकर एक व्यक्ति के अन्दर positive या negative Attitude बनाते है |
किसी भी फील्ड में education और motivation के अलावा कामयाबी को पाने के लिए positive Attitude का होना बहुत जरुरी है | इंसान को समय के अनुसार या कहें तो परिस्थिति के अनुसार Attitude को सीखना और बदलना जरुरी है, लेकिन उसके लिए मन, दिल और दिमाग से पूरी तरह से तैयार होना ज़रूरी है | वैसे तो हम सभी Attitude के उदाहरण के तौर पर शेर और बाज़ का बहुत नाम सुने हैं लेकिन जरा खुद सोच कर देखिये की क्या यह सच में सही उदाहरण है ? दोनों का अपना एक वर्चस्व है क्योंकि शेर को हम जंगल के राजा और बाज़ को पक्षियों के राजा के रूप में जानते हैं | बाज़ बारिश और तूफ़ान से बचने के लिए दुसरे पक्षियों की तरह घोंसला नही बनाता है, बल्कि वह बारिश और तूफ़ान से बचने के लिए बादलों के भी ऊपर उड़ान भरने लगता हैं, और ठीक उसी तरह शेर भी किसी भी दुसरे जानवर से नहीं डरता, शेर से भी शरीर में कई गुना ज़्यादा बड़ा होने के बावजूद भी शेर हाथी से नहीं डरता बल्कि सारे जानवर उसे अपना भोजन ही नजर आते है | तो ये सब बताने का मतलब है की दोनों का यह बर्ताव प्राकृतिक है तो शायद हमारे नजरिये से ये दोनों ही Attitude का बेहतर उदाहरण नहीं हैं, क्योकि किसी के Natural action को Attitude नहीं कहा जा सकता |
Attitude एक mindset, मतलब एक नजरिया है, positive या Negative यह हमारे जीवन में खुश या नाखुश रहना, कामयाब या नाकामयाब रहने को प्रभावित करता है या उसका उल्टा भी हो सकता है | कई बार जब हमें हमारी मेहनत से मन चाही सफ़लता मिलती है तब हमारे अन्दर positive एनर्जी बनती है और ये हम पर निर्भर करता है की उस एनर्जी का इस्तमाल हम किस तरह से करते है | अगर आपका कोई target है की आप अपने जीवन में कुछ बनना चाहते हैं और आपमें talent भी है और आप positive Attitude भी रखते है तो यह आपके उस मंजिल तक पहुचने में जो भी कठिन से कठिन मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी आप मुस्कारते हुए मेंहनत करके अपनी मंजिल की ओर हमेशा बढ़ते जायेंगे और एक दिन अपनी मंजिल पा भी लेंगे | आज जो भी सफल लोग हैं उनमे और एक आम इन्सान में बहुत बड़ा फर्क नजर दिखाई पड़ेगा, हाँ लेकिन अच्छे से Observe करने की जरुरत है | आप पाएंगे की दोनों में सिर्फ एक ही चीज का फर्क है वह है Attitude, इसी के कारण दोनों अपनी–अपनी जगह पर हैं | आप सभी क्रिकेट तो देखते ही होंगे | तो आप याद कीजिये हमारे भारतीय Captain Cool एम. एस. धोनी को, जब भी वह बैटिंग करने आते थे तब commentator कहते थे कि बॉलर दबाव में दिख रखें है, तो यह उनके Attitude के कारण है |
वहीं अगर हम EGO की बात करें तो यह एक ब्लैक होल की तरह है, जो एक इंसान से अपने आप के अलावा कुछ और देखने, सुनने और समझने की शक्ति छीन लेता है | दुसरे का दुःख, दर्द, सहीं, ग़लत, या किसी बात को लेकर दुसरे का नजरिया, कुछ भी मायने नहीं रखता है ऐसे इंसान के लिए | EGO की सबसे ख़तरनाक बात यह है कि, ज़रूरी नहीं है की वो इंसान अपनी ज़िन्दगी में सफ़ल होगा तो ही उसके अन्दर ये आएगा ऐसे भी लोग होते है दुनिया में जिन्होंने अपने दम पे कभी कुछ ना किया हो लेकिन “मैं” की हवा उन्हें ऐसी लगती है की उसके बाद न कोई दवा लगती है न कोई दुआ लगाती है | भले ही उनके अन्दर कोई गुण न हो लेकिन ego के कारण उनके अन्दर इतनी negativity आ जाती है की ऐसा इंसान को अपने ही परिवार और दोस्तों से मदद लेना या बिना मांगे किसी की मदद करना उसे सहीं नहीं लगता | सबसे बड़ी बात, ऐसा इंसान अपनी बात या अपने किसी काम को सहीं साबित करने के लिए किसी भी हद तक जाने से नहीं डरता | और अपनी इस ज़िद और ego में उसे ये भी समझ नहीं आता की वो दूसरों को ग़लत साबित करने में अपना खुद का कितना नुकसान कर रहा है | ego को और अच्छे से समझने के लिए ये लाइन याद रखिये – ‘ये बात समन्दर को खल गई कि, एक काग़ज की नाव मुझ पर कैसे चल गई’ |
मुश्किलें तो हर इंसान के सामने आती है, लेकिन जब इंसान किसी मुसीबत में होता है तब उस मुसीबत से निकलने के लिए वो कौनसा रास्ता चुनता है उस पर निर्भर करता है की वो इंसान उस मुसीबत से बाहर आएगा या और गर्त में गिरता जायेगा | और उसके रास्ता चुनने के में मदद करना है उसका life के प्रति नज़रिया, आपके Attitude पर ही निर्भर करता है कि, दुनिया आपके जाने के बाद भी आपके नाम और काम से आपको याद करेगी या फिर आपके रहने या नही रहने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा | दिमाग को सकारात्मकता की ओर ले जाये और Attitude को सुधारे | जीवन जीने का तरीका सिखने के लिए हमारे भारत वर्ष के इतिहास में अनेकों उदाहरण हैं, जैसे महाभारत के अर्जुन, चाणक्य, श्री गुरु गोविन्द सिंह जी महराज, श्री बी. आर. अम्बेडकर, श्री स्वामी विवेकानंद आदि | सोच को बेहतर बनाना जरुरी है, इसीलिए हमेशा सीखते रहना ज़रूरी है |
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Attitude और Ego में अंतर | Attitude Aur Ego Mein Antar | Difference between Ego and Attitude in Hindi7 thoughts on “”
Attitude aur Ego ka concept aaj thik se samjhi. Thanx for writing to this article in hindi.
Very nice
Thanks
Bahut Sundar dhang se samjhaya gya hai
Thanks
Great article 👍
Thanks