हम सबने अपने जीवन में कभी न कभी ऊपर वाले से ये शिकायत तो ज़रूर की होगी की मेरे ही साथ ऐसा क्यों होता है ? तो आज की कहानी वैसे ही हमारे दोस्तों के लिए है | मुझे यकीन है की इस कहानी का अंत जान कर आप सभी बिल्कुल स्तब्ध रह जायेंगे | तो आइये शुरु करते है आज की कहानी | आज की कहानी है गौतम बुद्ध और एक लड़के की, एक शहर में एक लड़का रहता था जो बहुत ही ग़रीब होता था | हर रोज़ रात तक बहुत मुश्किल से वो कुछ खाने का इंतज़ाम कर पाता था अपने लिए, लेकिन रोज़ उसके खाने में से कुछ न कुछ चोरी हो जाता था | एक दिन वो लड़का उस चोर को रंगे हाथ पकड़ लेता है और उससे कहता है – मेरे पास तो बहुत मुश्किल से कुछ खाने को रहता है तू मेरे खाने में से क्यों चुराता है मैं तो पहले ही बहुत ग़रीब हूँ, जा उनके में से चुरा जिनके पास बहुत कुछ है खाने को | उसकी बात सुन कर और उस लड़के से मिल कर वो चोर बोलता है मैं चेहरे पढ़ने जानता हूँ और तेरे चेहरे पर लिखा है की तुझे बहुत कम मिलेगा और जो मिलेगा उसमे से भी कुछ हिस्सा छीन जायेगा | अगर ऐसा नहीं चाहता तो जा और जा कर बुद्ध से मिल |
लड़का ये सब सुन कर बहुत प्रभावित होता है और उस चोर की कही हुई बात के बारे में पूरी रात सोचता रहता है | फिर अगली सुबह आस-पास के लोगों से बुद्ध के बारे में पता करता है की वो कहाँ मिलेंगे और वहां तक कैसे पहुंचा जा सकता है | सब पता करने के बाद जो कुछ भी उसके पास बचा – खुचा रहता है उसे समेटता है और निकल जाता है बुद्ध से मिलने | चलते –चलते रात हो जाती है तो उसे एक राजा का राज महल दीखता है वो वहां पर रुक जाता है | उस महल के राजा और रानी बहुत ही अच्छे लोग होते है | वो रात रुकने के लिए उस लड़के को जगह देते है और बाकि इंतज़ाम कर देते है | जब वो लड़का उन्हें बताता है की वो बुद्ध से मिलने जा रहा है वो राजा और रानी उससे कहते है की – हम भी बहुत परेशान है हमारी एक बहुत ही खुबसूरत बेटी है लेकिन वो बचपन से बोल नहीं सकती, जब तुम बुद्ध से मिलो तो हमारी तरफ़ से उससे पूछना इस परेशानी का निवारण कैसे होगा | वो लड़का बोलता है – ठीक है मैं ज़रूर पूछुंगा और अगली सुबह फिर अपने आगे के सफ़र पर निकल जाता है |
अपने सफर में आगे चलते हुए वो बहुत दूर तक निकल आता है और वहां उसे बर्फीले पहाड़ मिलते है, वो सोचता ही रहता है की इन्हें कैसे पार करूँ की तभी उसे वहां पर उसे एक जादूगर मिलता है | वो जादूगर बहुत बुढा हो चूका होता है | वो उस लड़के की मदद करता है उसे रास्ता बताता है और जब वो लड़का उसे बताता है की वो बुद्ध से मिलने जा रहा है तो वो जादूगर उससे कहता है की – मैं एक जादूगर हूँ और अब बहुत बुढ़ा हो गया हूँ | और अपनी पूरी ज़िन्दगी मैंने सिर्फ जादू करके पैसे नहीं कमाए है बल्कि लोगों की मदद भी की है | तो तुम बुद्ध से मेरी तरफ़ ये पूछना की मुझे स्वर्ग कब और कैसे मिलेगा ? वो लड़का कहता है – आपने मेरी मदद की है ठीक है मैं ज़रूर बुद्ध से आपका सवाल पूछुंगा और फिर वो वहां से आगे निकल जाता है |
आगे जाता है कुछ दिन चलने के बाद वो उस आखरी पड़ाव पर पहुँच जाता है जहाँ से उसे पता होता है की ये नदी पार करते ही वो बुद्ध के पास पहुँच जायेगा | लेकिन वो बर्फ़ीले पानी की नदी होती है और वो लड़का उसे तैर कर पार नहीं कर सकता था | तभी वहां पर एक विशाल काय कछुवा आता है और उस लड़के से अपनी दिव्य वाणी में कहता है की – तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ मैं तुम्हे नदी पार करवा दूंगा | वो लड़का मान जाता है और उस कछुवे को बताता है की वो बुद्ध से मिलने जा रहा है | ये सुन कर वो कछुवा उससे कहता है की – मैं 500 सालों से ड्रैगन बनने की कोशिश कर रहा हूँ लेकिन हमेशा असफल रहता हूँ, तुम बुद्ध से जब मिलोगे तो मेरी तरफ़ से उनसे ये पूछना की मैं ड्रैगन कब और कैसे बनूँगा ? तब तक वो दोनों नदी के पार पहुँच जाते है | वो लड़का कछुवे से बोलता है – मैं ज़रूर तुम्हारा ये सवाल बुद्ध से पूछुंगा, तुम यहीं पर रुकना मुझे वापस उस पार छोड़ देना मैं अभी बुद्ध से मिल कर आता हूँ | ये बोलकर लड़का आगे चला जाता है, जब वो बुद्ध के पास पहुँचता है तो देखता है वहां लोगों की बहुत भीड़ लगी हुई है, सब ने बुद्ध को घेर रखा है, तभी बुद्ध के मुख से निकलता है की – एक आखरी व्यक्ति को मैं प्रश्न पूछने का मौका दूंगा और उसके केवल ३ प्रश्नों के उत्तर मैं दूंगा | और जैसे ही लड़का बुद्ध के पास पहुंचता है उसे ही वो आखरी मौके के लिए बुला लिया जाता है |
अब वो लड़का बहुत दुविधा में फंस जाता है की बुद्ध सिर्फ तीन सवाल के जवाब देंगे लेकिन मेरे तो चार सवाल है – एक मेरा और बाकी जिनकी मदद से मैं यहाँ तक पहुंचा उनके तीन सवाल अब किसके सवाल पूछूँ फिर वो सोचता है – एक लड़की जो बचपन से कभी बोल नहीं पाई है , एक जादूगर जो 100 सालों से स्वर्ग जाने के लिए तरस रहा है और एक कछुवा जो 500 सालों से ड्रैगन बनने की कोशिश कर रहा है इन सबके सवाल ज़्यादा महत्वपूर्ण है तो वो उन तीनों के सवाल पूछ लेता है | उसके तीनों सवालों के जवाब में बुद्ध उसे कहते है – उस जादूगर से कहना की जब वो छड़ी का मोह छोड़ देगा तो उसे स्वर्ग की प्रप्ति हो जाएगी, उस कछुवे से कहना की वो कवच का मोह छोड़ेगा तभी तो ड्रैगन बन पायेगा और वो लड़की जब अपने जीवन साथी को देखेगी तो वो खुद ही बोल पड़ेगी | वो लड़का वहां बुद्ध को धन्यवाद करता है और वापसी के लिए निकल पड़ता है |
उस बर्फीली नदी के किनारे वो कछुवा उस लड़के का इंतज़ार कर रहा होता है, वो उसे नदी पार करवाता है और वो लड़का उसे उसके सवाल का जवाब बताता है – तुम्हे अपने कवच को छोड़ना होगा तब तुम बनोगे ड्रैगन वो कछुवा तुरंत अपने कवच को छोड़ता है उस कवच के अन्दर एक मणि रहती है, वो मणि उस लड़के को देता है और कछुवा बन जाता है “ड्रैगन” | फिर वो लड़का आगे जाता है तो उसे वो जादूगर मिलता है, वो लड़का उसे उसके सवाल का जवाब बताता है – आपको अपनी छड़ी को छोड़ना होगा तभी आपको स्वर्ग की प्राप्ति होगी, वो जादूगर अपनी छड़ी उस लड़के को दे देता है और उसके साथ भी वही होता है जैसा बुद्ध ने कहाँ होता है | फिर वो लड़का आगे जाता है और उस राज महल के पास पहुँचता है वहां बाहर ही उसे वो राजकुमारी दिखती है दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की, राजकुमारी उस लड़के को देखते ही बोलती है – वो तुम ही होना जो उस रात आये थे | ऐसे उसे अपना एक सुन्दर जीवन साथी मिल जाता है और उस लड़के को भी बहुत कुछ मिल जाता है |
ये कहानी हमे सिखाती है की कुछ पाने के लिए कुछ छोड़ना पड़ता है – जैसे उस जादूगर ने अपनी छड़ी को छोड़ा, उस कछुवे ने अपने कवच को छोड़ा और उस लड़के ने अपने मौके को छोड़ा | उस लड़के को वो अंतिम व्यक्ति होने का मौका मिला था जो बुद्ध से तीन सवाल कर सकता था लेकिन उसने अपना सवाल न पूछ कर दूसरों के सवाल पूछे लेकिन फिर भी उसे सब कुछ हासिल हो गया | जब अपनी तकलीफ़ बड़ी लगने लगे तो दूसरों की तकलीफ़ के बारे में सोचो अपनी तकलीफ़ छोटी लगने लगेगी |
मुश्किलें हमेशा बेहतरीन लोगों के ज़िम्मे ही आती है क्यूंकि उनमे ही उसे बेहतरीन अंजाम देने की क्षमता होती है |
Tyaag aur Pratigya se milti hai Khoobsurat Zindagi | त्याग और प्रतिज्ञा से मिलती है खुबसूरत ज़िन्दगी4 thoughts on “”
Supar
Thanx
Such a nice story 👍
Thanx