टिनयैज (किशोरावस्था) युवा एक ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनते ही ख़ुशी, उर्जा और जूनून से भर देता उम्र का यह वह पड़ाव है जिसमे जोश और स्फूर्ति होती है | इस समय उर्जा इतनी होती है कि कुछ भी कर गुजरने कि ताकत रहता है और अपने मंजिल को पाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं | नवीन उर्जा से परिपूर्ण रहते हैं और कुछ नया करने का जब्जा हमेशा रहता है, अपने आप को पुरानी परमपराओं में बिलकुल भी नहीं ढालना चाहते | युवाओं में बौद्धिक क्षमता बहुत होती है इसलिए हर जगह तर्क लगर सोचते हैं तथा पुराने और कट्टरपंथी सोच में नहीं ढालना चाहते हैं | कहते हैं आज के बच्चे देश का भविष्य और यह पड़ाव ही भविष्य को निर्धारित करता है |
परन्तु आज का यह आयु वर्ग के लोगों में एक अजीब सा समस्या देखा जाने लगा लगा है , हारने का डर, पिछड़ने का दर, इच्छाओं के दबने का डर सही तरीके से देखा जाये तो मनोस्थिति में बदलाव के कारण परिणामों या कहा जाये स्थितियों में नकारात्मकता ज्यादा झलकने लगी है | जिसके कारण मनोरोगी, जलन और अपराधिक प्रवित्तियों का दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं | कुछ विषय पर बात करने कि कोसिस करते हैं :-
करियर हमारे युवाओं में आज का महत्वपूर्ण समस्या है रोजगार, वर्तमान पीढ़ी को देखे तो इनमे जल्दी से जल्दी या यूँ कहा जाये तुरंत मंजिल पर पहुचना है, आसमान को छूना है एकाएक बहुत सारे रूपये मिल जाये जिससे मैं अपने परिवार वालों का हर इच्छा पूरी कर सकूँ, यही लालचों के वजह से बहुत सारे अपराधिक घटनाएं भी होती हैं जैसे रिश्वतखोरी, यह केवल एक उदहारण है | लेकिन सच्चाई यही है कि किसी भी मंजिल को पाने के लिए छोटे छोटे ही कदम उठाने पड़ेंगे, बड़ी बड़ी इमारतें यूँ ही नहीं खड़ा हो जाता पहले नीव डालना ही पड़ता है,इनका भी विकास क्रमशः ही होता है | इस बात का ध्यान हमारे युवा वर्ग को ध्यान में रखना ही होगा |
सोंच में अंतर आज के चकाचौंध जिन्दगी में पूरा युवा वर्ग पश्चिमी सभ्यताओं में प्रभावित हैं, तथा उसको अपनाने की होड़ में लगे हैं, पुरानी पीढ़ी मतलब अपने ही बुजुर्गों के विचार के साथ सामंजस्य बैठा पाने में असमर्थ होते जा रहे हैं, उनको लगता है कि आप हमको समझते नहीं, जोश इतना ज्यादा होता है कि वो भूल जाते हैं कि हमारे बुजुर्ग हमसे कहीं ज्यादा दुनिया देखें हैं जिसके कारण अकेलेपन का सामना करते हैं | अभी आप विकिपीडिया में भी देख लो मनोरोगी भी आज युवा वर्ग में ही ज्यादा है|
असुरक्षा खासतौर पर लड़कियों में असुरक्षा का खतरा महसूस किया जाने लगा है , कुछ समय पहले हैदराबाद में हुआ अपराध और 2012 में हुआ निर्भया अपराध ये पूरा देश को झकझोर के रख दिया जाने वाला जन्घ्य अपराध था, कितनों लोगो का तो पता ही नहीं चल पाते, अपराधों के कारण भी माता-पिता लड़कियों को घर से बाहर भेजने से कतराते हैं | इनके अलावा और भी बहुत सारे दुर्घटनाएं हैं चोरी, लुट, डकैती इत्यादि| दिन ढलते ही अजीब सा डर हर वर्ग में सताने लगा है |
पारिवारिक और सामाजिक दखलंदाजी हमारे युवा आज अपनी मर्जी से अपने तरीके से जीना चाहते हैं| परन्तु परिवार में अन्य सदस्य या उनके गारिजियन द्वारा जीवन शैली में हस्तक्षेप करना, रात में ही किसी का फोन कॉल्स आ गये तो किसका फोन आया था , ये कैसे बाल के स्टायल हैं, ये कैसे कपडे पहने हो, भारत देश पुरुष प्रधान देश है जिसमे लड़कियों के प्रति अलग ही सोच रखते हैं , भले ही सरकार चिल्ला चिल्ला क कह रहा है कि “बेटी बचाव-बेटी पढाव” नारी शक्ति के ऊपर बहुत सारे नारे (स्लोगन) मिल जायेंगे लेकिन आज भी बहुत से लोगों में कुंठित है | दूसरी ओर सभी युवा वर्ग के लिए चाहे वह लड़का हो या लड़की एक अलग दबाव बना रहता है कि अरे तेरी बुआ के बच्चे विदेश में हैं, तेरा मामा ने ये पढाई किया था तो वह फलना जगह में फलना अधिकारी है आदि आदि | जिससे चिड़चिड़ापन के स्वाभाव में बढ़ता क्रम देखे जा रहे हैं|
स्वास्थ्य कि समस्याएं आजकल कुछ भी शुद्ध नहीं है, खाना, पानी, फल सब्ज़ियां | यही कारण है कि आजकल ओरगेनिक खेती का प्रचलन बहुत ज्यादा देखा जा रहा है | खैर ये अलग बात है | जीवन शैली इतना ख़राब हो चूका है कि बहुत ही कम उम्र में बीमारियाँ शरीर को घर बना ले रही हैं जैसे सुगर, उच्च रक्तचाप ,थायराइड ये बहुत ही सामान्य और लगभग हर पांच में से एक को कम से कम इनमे से एक बीमारी तो पाया ही जाने लगा है |
कुसंगति एवं प्रतिष्ठा का प्रतिक (Status Symbol) अपने आपको दूसरों से बेहतर बनाने कि भाग-दौड़ में कुछ भी किये जा रहे हैं, आकर्षक जीवनशैली के कारण दिन रात एक कर देते हैं यह भी चिंताओं का कारण है , रंग – रंगीली जीवनशैली के कारण युवा बहुत बार बुरी संगती में भी आ जाते हैं, बहुत बार नशेपन में मदमस्त भी देखा जाता है | बड़े बुजुर्गों को समय समय पर समझाईस और नैतिक शिक्षा के साथ साथ उनके मनोस्थिति देखर सही रस्ते दिखाए जाने कि आवस्यकता होती है ताकि हमारे युवा अपने उज्जवल भविष्य कि मंजिल को पा सके तथा अपने माता-पिताओं का मान रख सके और उस कथन को सच कर पाए कि आज के युवा हमारे देश का भविष्य |
प्रिय पाठक आपने हमारा लेख पढ़ा, उसके लिए आपको दिल से धन्यवाद् | आपको कैसा लगा फीडबैक निचे दिए गए कमेंट्स सेक्शन में जाकर जरुर देंवे ताकि हमें अपना गुणवत्ता समझने में सहायता हो |
किशोरों और युवाओं का असमंजस | Kisoron aur Yuvaon ka asamanjas | Confusion of Teenagers and Youth9 thoughts on “”
Very nice article
Good article
You write on vibrant topics which are thought provoking
thanx
Sahi shirshak se likhe ho. Achche tarike se apne batane ki koshish kiya hai l
thanx
Nice
thanx
Very Good Article
Thanx