अगर आप इस दुनिया में जिस चक दमक में जी रहे हैं, तो आपको एक बार अपने निजी जिंदगी में भी झांक कर देखें कि आखिर ये जिन्दगी क्यों और कैसे चल रही है कार्यालय में काम के बढ़ते घंटे के साथ साथ आपके जिन्दगी का रस चूस रहे हैं हमेशा मस्तिस्क में तनाव भरा होता है आज के बदलती जीवन शैली में ऑफिस का कार्य भी लोग घर ले आते हैं जिससे परिवार के लिए भी बहुत कम समय दे पाते हैं जिससे बच्चों और जीवनसाथी के साथ चिड़चिड़ा स्वाभाव के साथ साथ आपसी रिश्ते भी खतरे में डाल रहे हैं| पति – पत्नी के निजी जिन्दगी भी कम होने लगी है ये सभी तनाव के लक्षण है जो दिन प्रति दिन बढ़ते काम के दबाव में पनप रहा है | सामाजिक जीवन तो खत्म ही हो गयी है, न दोस्तों, परिवार, रिश्तेदारों और न ही आस पास क लोगो क लिए समय बचा है | समय के साथ बदलता हुआ जीवनशैली के कारण आपके शरीर में अनेकों बिमारियों का गढ़ बनता जा रहा है जिससे आपके जीवन हमेशा जोखिम से भरा हुआ होता है कम आयु में ही शुगर, ब्लड प्रेसर ,श्वास से संबंधित , स्लिप डिस्क और न जाने अनेको बिमारिओं का जमावड़ा बनते जा रहा है| लगभग 30 प्रतिशत लोग 8-10 घंटे काम करते हैं इसके अलावा अवकाश के दिनों में भी लोग घर से काम कर रहे हैं यह बहुत ही चिंता कि बात है |
पति-पत्नी के निजी जिन्दगी पूछ लो तो आधे लोग मानते हैं कि हाँ दिनचर्या के कारण शारीरिक और मानसिक थकान के कारण यह प्रभावित हुआ है, जिसके कारण गिरते हुए निजी क्रिया को लोग सामान्य मानने लगे हैं | बिमारियों कि बात करें तो आज के बदलते हुए जीवनशैली में डिप्रेशन भी बहुत ही घातक बीमारी के रूप में होने लगा है, नौकरी पेशा के लगभग 25 प्रतिशत लोग पक्का इस रोग से ग्रसित होंगे | कुछ लोग मनोचिकित्सक के पास जाते हैं है और दवाई भी खाते हैं, लेकिन इसमें भी कई बार कुछ बातें बहुत पीड़ा देती है कि लोग उसको पागल समझ लेते हैं, यह उस डिप्रेसन बीमारी से भी ज्यादा चिंताजनक है |
नौकरी पेसा कॉर्पोरेट सेक्टर में देखों तो काम का इतना प्रेसर है कि लोगो का एक टाइम का खाना भी छुट रहा है , लोग समोषा-कचोरी में अपनी भूख मिटा लेते हैं, और तकलीफ वाली बात ये भी है कि कुछ लोग या तो फ़ूड सप्लीमेंट का उपयोग कर रहे हैं या तो एनर्जी ड्रिंक जैसे पैय पदार्थो जैसे चीजों का सेवन कर रहे हैं | बाद में यही अभ्यास नशा तथा डिप्रेशन, सुबर और ब्लड प्रेसर जैसे बिमारियों का बहुत बड़ा कारण है, और सबसे बड़ा चिंताजनक बात तो ये है कि यह 30 से 40 वर्ष के आयु वालो को घेर रही है
दिनो दिन काम का दबाव बढ़ते जा रहे हैं ऊपर में बैठे उच्च अधिकारिओं के आत्म संतुष्टि या उन्हें भी अपने उच्च अधिकारियों के सामने चमकने का लालच के कारण ऐसे दौर से गुजरना पड़ रहा है, परिवार और नौकरी की बढती चिंताओं के कारण नींद में काफी गिरावट आने लगी है, बहुत लोगों के लिए यह आर्थिक तंगी या कहा जाये आर्थिक जिम्मेदारियों के वजह से भी यह समस्याओं का सामना करना होता है | स्वस्थ शरीर के लिए सोना बहुत जरुरी है, कहने हैं स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम 7-8 घंटे सोना चाहिए अच्छी और गहरी नींद 2-3 घंटे भी लिया जाये तो वह काफी होता है|
बहुत पुरानी कहावत है “बाप बड़ा न भईया, सबसे बड़ा रुपैया” लेकिन ये कहावत किसी और चीज के लिए कहा गया था किस व्यक्ति कि स्वार्थीपन या चोर उचक्कों के लिए कहा गया था, आज उसी को हम कहना चाहेंगे कि “सबसे बड़ा रुपैया नहीं-सबसे बड़ा परिवार” लोग परिवार से ज्यादा पैसे को अहमियत देते हैं, लोगो को परिवार, स्वास्थ्य, नौकरी और पैसे सभी को उसके जरुरत के हिसाब से अहमियत देने कि जरुरत है| अगर इसकी तुलना महिला और पुरुष में करें तो महिलाओं में परिवार की प्राथमिकता ज्यादा होती है | किसी ने शत प्रतिशत सहीं कहा है कि वर्तमान का सुख भविष्य के दुःख का सबसे बड़ा कारण बनता है | वर्तमान को जीने के साथ – साथ भविष्य की परिकल्पना कर कार्य करना भी अत्यंत आवश्यकता है, ताकि जीवन सरलता से व्यतीत किया जा सके |
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भविष्य का डर | Fear of the future2 thoughts on “”
👌👌
So true in current life style. Really nice