क्या किसी विषय में मात्र जानकारी होना ही काफी है ? कई बार हम किसी अनजान इंसान से मिलते है, और किसी विषय में उनकी बातें उनके तर्क सुनकर या जान कर उनसे बहुत प्रभावित होते हैं | उनकी जानकारी देखकर हम इतना प्रभावित हो जाते हैं कि लगता है ये इंसान तो बहुत ही ज्ञानी है जीवन में बहुत सफल होगा, हर चीजों की जानकारी है इसको, परन्तु सच कुछ और ही निकलता है – वह कामयाबी से बहुत दूर होता है | क्या जीवन में हर चीज का ज्ञान या जानकारी होने भर से सब कुछ मिल जाता है ? आपको क्या लगता है ? हमारे तर्क के हिसाब से जानकारियों का होना और सफल होना इन दोनों ही बातों में बहुत अंतर है | अपनी जानकारियों का / ज्ञान का अपने जीवन में अमल करना और सफल होना यह बड़ी बात होती है | चलिये इस बात को एक छोटे से उदाहरण से समझते हैं :
अनिल को 100 चीजो के विषय में पूर्ण ज्ञान है और सुनील को 5 चीजों के विषय में पूर्ण ज्ञान हैं | अनिल जितना जानकारी रखता हैं उनमे से कुछ भी अपने जीवन में अमल नहीं करता हैं लेकिन वही पर सुनील 5 विषयों के बारे में जानकारी रखता है, उसमे निपुण हैं और वह सभी चीजों को अपने जीवन में अमल करता हैं | अगर हम दुनिया के नजरिये की तुलना करते हैं तो सब अनिल से बहुत प्रभावित होते हैं क्योंकि उनको ज़्यादा चोजों का ज्ञान है, बोलते बहुत अच्छा हैं और लोगों को समझाने में बहुत ही सक्षम हैं, सहीं कहें तो अनिल बहुत अच्छे वक्ता हैं | लेकिन फिर भी वह जीवन में कामयाब नहीं है | वहीँ दूसरी तरफ सुनील की बात करें तो वह 5 चीजों के बारे में जानते हैं और पाँचों को अपने जीवन में अमल करते हैं जिससे वह बहुत ही कम समय में अनिल से ज्यादा सफल और कामयाब है क्योंकि वह अपने ज्ञान का अपने वास्तविक जीवन में प्रयोग करने में माहिर हैं |
दुनिया में अधिकतर लोग इसलिए सफल नहीं हो पाते हैं क्योंकि वह अपने जीवन में अपने ज्ञान को अमल ही नहीं करना चाहते, ज्ञान पे अमल करना मतलब अपने जीवन में नई चीज़ों का प्रयोग करना सही मायनों में कहें तो जोखिम उठाना | सामान्य लोग नई चीज़ों पे अमल करने या जोखिम उठाने से डरते है उसके लिए उनके पास बहुत सारे बहाने होते है जैसे- सफ़ल नहीं हुए तो क्या होगा, भविष्य की अनिश्चितता, पैसे नहीं हैं, परिवार का सपोर्ट नहीं हैं, अंग्रेजी नहीं आती आदि | इन सभी बहानों के बीच लोग अपने ही बनाये हुए comfort zone में चले जाते है और कभी उससे बाहर नहीं आ पाते | जो इंसान जिस विषय का जानकार होता है लेकिन उसको अमल में लाने में आने वाली समस्याओं का बहाना कर प्रयोग नहीं करता है यही उस इंसान के जीवन की सबसे बड़ी असफलता होती है |
हमारे देश और दुनिया में ऐसे लोगों के हजारों उदाहरण हैं जिन्होंने अपने idea को अपने जीवन में आजमाया है और सफलता के नए आयाम को छुआ है | कही भी नजर उठा कर देखिये चाहे किसी उद्योगपति को या मायानगरी के किसी सफल व्यक्ति को देखें | जब इंसान जीवन में जोखिम उठाने को तैयार होता है तब उसे ना उम्र रोकती है, ना छोटा शहर, ना ही छोटे स्कूल की पढ़ाई, बस कुछ कर गुज़रने का जज़्बा और अपने idea को implement करना जरुरी है | जीवन में सही समय पे सही तरीके से लिया गया जोख़िम या प्रयोग, एक इन्सान को या तो सफ़लता दिलाता है या जीवन में बहुत बड़ी सीख देता है | सफलता तो हर इंसान को चाहिए और वो उसे ख़ुशी भी बहुत देती है परन्तु जीवन में सीख/असफलता भी बहुत ज़रूरी है | सफ़लता या असफ़लता ये दोनों ही इंसान के हाथ में नहीं है जो इंसान के हाथ में है वो है सहीं ज्ञान अर्जित करना और जितना भी ज्ञान है उसे सही तरीके से अपने जीवन में अमल करना |
अधिकतर लोगों के साथ वही होता है जो हमारी कहानी में अनिल के साथ हुआ उसे ज्ञान तो 100 चीज़ों का था मगर अमल वो एक पर भी नहीं कर पाया जिसके कारण वो जीवन में असफल ही रह गया | इसीलिए जीवन में जानकार बनने के साथ-साथ उसपे अमल करना भी ज़रूरी है, चाहे वो कितनी भी छोटी या बड़ी जानकारी हो | डरते और सोचते हुए अपने comfort zone में बैठे रहने से सफ़लता कभी नहीं मिलेगी |
आप भी अपने अन्दर के ज्ञान का प्रयोग अपने जीवन में करें और सफलता की नई उचाईयों को छुए |