हम सभी ने यह जरुर सुना है कि दुनिया के हर एक व्यक्ति में कुछ न कुछ विशेष गुण जरुर होता है | यह शत – प्रतिशत सत्य है| इस बात को कोई भी नहीं झुठला सकता | इन बातों में सच्चाई के साथ–साथ यह भी बात है कि बहुत से लोग अपने इस विशेष गुण के बारे जान नहीं ही नहीं पाते है और बहुत से लोग मजबूरियों के कारण सबके सामने अपने गुण दिखा नहीं पाते |
आज ऐसे ही एक व्यक्ति के बारे में जानते है जो एक काम में माहिर था, आज आपलोगों को उसके जीवन का एक किस्सा बताता हूँ, उस व्यक्ति में विशेषता यह थी कि वह किसी भी तरह के ताले को बिना चाबी के खोल सकता था| किसी भी तरह का मतलब, चाहे वह जेल, बैंक के लाकर या कोई भी बड़ी से बड़ी से बड़ी लॉक के ताले को खोलने में माहिर था, वह अपने इस कार्य में कभी असफल नहीं हुआ था | इसी बीच एक संस्था ने उसे एक चैलेन्ज के लिए ऑफर किया और उनको बताया कि शर्त के बारे में बताया कि – हम आपको एक चैम्बर में बंद कर देंगे और धीरे – धीरे आपको गहरे पानी में डाला जायेगा | फिर हम आपको एक संकेत देंगे कि आप अब चैम्बर के ताले को खोलकर बाहर आने का प्रयास कर सकते हैं | अगर आप ताला नहीं खोल पाए तो भी कोई बात नहीं जब आपको लगेगा कि आप ताला नहीं खोल पा रहे हैं या दम घुटने लगे तो अन्दर एक पैनिक बटन होगा उसे दबा देंगे तो वो कंपनी वाले उस चैम्बर को पानी से बाहर ले आएंगे और चैम्बर को खोल देंगे, कहने का मतलब है कि आप हार मान सकते हो | उस व्यक्ति ने सोचा वह तो ऐसा कर सकता है और तुरंत उसने इस चैलेन्ज के लिए हामी भर दी|
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अब पुरे शहरों में इस चैलेन्ज का विज्ञापन किया गया कि अमुख तारीख को अमुख व्यक्ति के सामने इस तरह का चैलेन्ज रखा गया है आप सभी देखने आइये और उनके अद्भुत गुण को देखिये | जैसा कि उस व्यक्ति को सब जानते थे कि वह तो इस कला में निपुण है तो सबको यह चैलेन्ज देखने की बहुत उत्सुकता थी, और इस तरह से तय किये गए दिन – समय में बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी | उसके बाद निर्धारित समय पर चैलेन्ज के कार्य को शुरू किया गया | जैसा कि तय था ठीक वैसा ही एक चैम्बर में उनको डाला गया और धीरे – धीरे उस चैम्बर को पानी में डालना शुरू किया गया, जैसे ही चैम्बर आधा पानी में गया बिगुल बजा दिया गया कि आप अब ताले को खोलने कि प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं | फिर उस व्यक्ति के द्वारा अपने जेब से एक तार निकला गया और वह ताला खोलने का प्रयास करना शुरू किया, उन्होंने तार घुमाया, जो – जो ट्रिक्स उसको पता थी सरे आजमाने लगा पर इस बार ताला खुला ही नहीं | प्रयास करते – करते वह भी समय आया कि पानी के अन्दर उसका दम घुटने लगा, अब उसको लगा कि आज हार मान ही लेनी चाहिए और सांस न लें पाने के कारण ज्यादा समय न ख़राब करते हुए उसने पैनिक बटन दबा दिया, और जैसा कि शर्ते के अनुसार उसको तुरंत बाहर लाया गया, फिर उन्होंने पैनिक स्थिति के कारण बाहर आते ही चैम्बर के दरवाज़े पे थोडा जोर दिया तो वह खुल गया, और वह व्यक्ति बाहर आ गया, इसका मतलब था कि चैम्बर में ताला लगाया ही नहीं गया था | उस दिन वो व्यक्ति बहुत निराश था और अपनी सोच पर बहुत पछता रहा था, क्योंकि आजतक वह कभी असफल नहीं हुआ था | वह ये सोच रहा था कि जब ताला नहीं खुल रहा था तो उसने ये क्यूँ नहीं सोचा कि शायद ताला लगा ही न हो !!
दुनिया में सभी लोग चाहे वो शिक्षक हों, माता-पिता हों, या कोई भी सलाहकार की हर इंसान को हमेशा व्यस्त रहना चाहिए | कभी खाली नहीं होना चाहिए | मगर यह कहानी हमे बताती है कि कभी – कभी कुछ न करना भी बहुत जरुरी होता है, कुछ काम अपने आप बन जाते है, कुछ समस्या का समाधान ख़ुद-ब-ख़ुद निकल जाता है, क्योंकि जब हम जब खाली होते हैं तो अनेकों विचार हमारे दीमाग में आते हैं जो कि कई बार सफलता पाने में हमारी बहुत सहायता करते है और ये एक बड़ा कारण भी होते है हमे सफ़ल बनाने में | कई बार ऐसा होता है कि दुनिया कि भाग दौड़ में और बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान निकलते हुए हमारी नज़र बहुत ही साधारण बातों से हट जाती है जैसे कि इस कहानी में उस व्यक्ति ने अपना सारा अनुभव लगा दिया उस ताले को खोलने में किन्तु असफल रहा, क्योंकि उन्होंने सोचा ही नहीं कि, हो सकता है कि ताला लगा ही न हो | विअसे ही कई बार हम भी नहीं सोच पाते ही वाकई में जिस बात को हम बहुत बड़ा मान रहे है या जिस समस्या को हम सुलझा नहीं पा रहे है वो समस्या हो ही न, उस व्यक्ति ने अगर अपने प्रयासों के बाद थोडा सोच लिया होता तो शायद ये विचार आ जाता, क्योंकि अच्छे विचार के लिए थोडा दिमाग का खाली होना भी जरुरी होता है | आज आप खुद आकडे उठा कर देख लीजिये जो भी सफल व्यवसाय है वो व्यक्ति उस काम को 20-22 वर्ष के आयु में शुरू करते है तो खूब सफल रहते है क्योंकि उनके पास खाली समय और दिमाग में दुनिया-दारी की बातें नहीं होती है जिसके कारण वो अच्छे से सोच – विचार कर पाते हैं जिससे वह अधिक सफल होते हैं |
Kab Sahi hai Kuchh nahi Karna|कब सही है कुछ नहीं करना | When is it Right not to do Anything4 thoughts on “”
Bilkul sahi baat hai kabhi-kabhi kuch nahi karna bhi sahin hai 👍
Thanx
Very nice
Thanx