प्रार्थना ऐसे करना चाहिए की सबकुछ ईश्वर पर निर्भर है, और काम ऐसे करना चाहिए की सब कुछ हम पर निर्भर है| आइये आज एक ठेकेदार की कहानी से इस बात को समझने की कोशिश करते है की हर एक काम में हमे अपना बेस्ट क्यूँ देना चाहिए चाहे वो काम छोटा हो या बड़ा | एक ठेकेदार था जो अपने मालिक के लिए कई सालों से काम कर रहा था और वो अपने मालिक का सबसे प्रिय कर्मचारी था, क्योंकि उसने कई बहुत अच्छे काम अपने मालिक के लिए किये थे | एक दिन वो अपने मालिक के पास पहुँचता है और बोलता है की – मालिक मैं हर महीने के आखिर में मिलने वाली मेरी तनख्वाह को मिस तो बहुत करूँगा लेकिन अब मुझे लगता है की मेरी ज़िन्दगी के जो भी बचे हुए साल है वो मुझे अपने परिवार मेरे अपनों के साथ आराम से बिताने चाहिए इसलिए मैं retirement लेना चाहता हूँ, मेरा परिवार भी यहीं चाहता है | ये सुन कर मालिक को दुःख तो बहुत हुआ की उनका सबसे अच्छा कर्मचारी उनको छोड़ कर चला जायेगा लेकिन वो उसकी बात समझ भी रहे थे क्योंकि वो अच्छा काम करने जा रहा था, अपने लिए, अपने परिवार के लिए और अपनी ज़िन्दगी के लिए |
उसके मालिक ने फिर उससे कहा – ठीक है मैं समझता हूँ की अब तुम्हे अपने परिवार के साथ समय बिताना है और तुम आगे काम नहीं करना चाहते हो, पर मेरे लिए एक आखरी काम कर दो, एक बंगला बनाना है, जो समझ लो की मेरे सपनो का बंगला है, समझ लो की मैंने सोच रखा था की मुझे ये काम अपनी ज़िन्दगी में करना है तो बस ये बंगला बनवा दो फिर तुम retirement ले सकते हो | उस वक़्त ठेकेदार को बिलकुल वैसी ही अनुभूति हुई जैसी आपको होती होगी जब दिनभर के काम के बाद शाम को घर जाते वक़्त बॉस कहता है की – ये आखरी फाइल कर दो फिर चले जाना | लेकिन ठेकेदार भी मालिक को ना भी नहीं कर सकता था तो उसने बेमन से मालिक को कह दिया – ‘ठीक है’ | इस बार काम करने में उसका बिल्कुल दिल नहीं था, कंस्ट्रक्शन मटेरियल, क्वालिटी या बनाने के तरीके किसी भी चीज़ में उसने मन से ध्यान से काम नहीं करवाया, उसने बस किसी भी तरह काम को निपटाया की बस करना है, दिल से काम नहीं किया |
कुछ समय बाद एक दिन वो बंगला बन कर तैयार हो गया, वो ठेकेदार अपने मालिक के पास गया और उनको उस बंगले की चाबी देते हुए बोला – ये लीजिये मालिक आपका बंगला बन कर तैयार होगया है ये रही उस बंगले की चाबी, बस अब मुझे रिटायर कर दीजिये | मालिक ने भी बोला – हाँ ठीक है अब तो तुम्हे अपना समय अपने परिवार के साथ बिताना है, मैं बिल्कुल तुम्हे नहीं रोकूंगा, लेकिन जाने से पहले मैं तुम्हे तुम्हारी इतने साल की मेहनत के बदले में कुछ इनाम देना चाहता हूँ | ये बात सुन कर ठेकेदार की आँखों में चमक आ गई, वो बहुत खुश हुआ और कहाँ – ‘क्या इनाम?’ तो मालिक ने बोला – अपना हाथ आगे बढाओ | जब ठेकेदार ने हाथ बढाया तो उसके मालिक ने उसी बंगले की चाबी उसके हाथों में रख दी और बोले – ये बंगला मैं तुम्हारे लिए ही बनवा रहा था | इतने साल तक जो तुमने मेहनत की तुम्हारी वजह से इस शहर में मेरा इतना नाम हुआ मुझे इतनी शोहरत मिली उसके बदले में ये बस एक छोटा सा इनाम तुम्हारे लिए | ये सारी बातें सुन कर उस ठेकेदार को अन्दर से बहुत बुरा लग रहा था, और वो अन्दर ही अन्दर बहुत शर्मिंदा हुआ | वो सोच रहा था की – क्यूँ नहीं इस काम में मैंने अपना दिल अपनी मेहनत उतनी नहीं लगाई जैसी इतने सालों के काम में लगाई थी | लेकिन अब तो पूरा बंगला बन कर तैयार हो चूका था वो कुछ कर भी नहीं सकता था |
कहीं न कहीं हम और आप भी यही करने लगते है | हमे लगने लगता है की जो भी काम हम कर रहे है ये किसी और के लिए कर रहे है और हमारी शिद्दत में, हमारे इंटरेस्ट में, हमारी मेहनत में कहीं न कहीं कमी आ जाती है | लेकिन हम ये भूल जाते है की भले ही वो एक जॉब हो, बिसनेस हो या कुछ और ये आप अपने लिए कर रहे है | आप जो कुछ भी तैयार कर रहे है वो अपने लिए कर रहे है, वो आपका है | तो काम छोटा हो या बड़ा अगर आपने उसे चुना है तो उसे पुरे दिल से करिये | क्योंकि अंततः आप जो कुछ भी कर रहे है वो किसी कंपनी, किसी मालिक या किसी बॉस के लिए नहीं कर रहे है वो आप अपने लिए कर रहे है अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए कर रहे है अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए कर रहे है |
कई बार कुछ लोगों में ये अहम् भी आ जाता है की कोई कंपनी या कोई काम सिर्फ उनसे चल रहा है, अगर वो नहीं रहेंगे तो वो काम होगा ही नहीं | ये भी बहुत ही ग़लत धारणा है, दुनिया में कोई काम किसी के होने या न होने से न रुकता है, न चलता है | हम सब सिर्फ एक जरिया होते है और दुनिया में हमारी जगह लेने के लिए और हमसे भी बेहतर तरीके से उस काम को करने के लिए लोगों की कोई कमी नहीं है | इसीलिए जो भी काम आपके पास है छोटा हो या बड़ा उसे पुरे मन से पूरी मेहनत से करिये अपना बेस्ट दीजिये उस काम को क्या पता आप ही का किया हुआ कोई कर्म आपके ही पास वापस लौट कर आ जाये |
Sabhi Work mein Energy and Power ka hona Jaruri | सभी वर्क में एनर्जी एन्ड पॉवर का होना जरुरी4 thoughts on “”
Very nice
thanx
The last two paragraphs are so true
Really very nice story