ब्रम्ह मुहूर्त में जागना और उस समय पुर्णतः अपने आप को देना आपको फुर्तीला , बलवान, बुद्धिमान , स्वस्थ बनने के साथ – साथ सफलता प्राप्त करने का दिशा प्रदान करती है | क्या है ब्रम्ह मुहूर्त ? सूर्योदय से ठीक डेढ़ घंटे पहले वाला समय ही ब्रम्ह मुहूर्त है इसको अमृत बेला भी कहते है| इस समय का उपयोग अच्छे से करना आ गया तो जिन्दगी में होने वाले परिवर्तन से खुद ही चौक जायेंगे | किसी भी सपनों को आप आसानी से और जल्दी पूरा कर लेंगे, जिसका आपको पूर्वानुमान भी नहीं होगा | आपका जो भी व्यक्तिगत गुणवत्ता है, चाहे जैसा भी हो, उन गुणों में निखारता आयेगी जिससे आप खुद आश्चर्यचकित हो जायेंगे | यह कोई तंत्र – मंत्र वाली बात नहीं है | यह तो वैज्ञानिकों और सभी सफल व्यक्तियों द्वारा भी प्रमाणित है |
भारत ही नहीं बल्कि सभी जगहों पर ब्रम्ह मुहूत का महतवपूर्ण स्थान है, विभिन्न जगहों पर इसका नाम कुछ और हो सकता है | ध्यान, प्लानिंग, लर्निंग, सोच सभी महतवपूर्ण चीजें जो आपके सपनों को पूरा करने का उत्तरदायित्व निभाती है, उसको इसी समय यानि ब्रम्ह मुहूर्त में करने की सलाह दी जाती है |
आकर्षण का नियम यह कहता है कि जैसा आप सोचते हो , जैसा आप चाहते हो , या जिस तरह का सपने आप देखते हैं उनके मुताबिक आपको ये ब्रम्हांड से मिलती है | अब आप कह रहे होंगे कि मेरे दिन में कई हजार तरह के विचार दिमाग में आते हैं और सोचता हूँ, तो इसका ये ब्रम्ह मुहूर्त से क्या लेन देना? लेना – देना है कैसे मैं समझाता हूँ ! दुनिया में कई करोड़ लोग रहते हैं, मतलब कई अरबों विचार आते होंगे, लोग जितना सोचते हैं सभी ब्रम्हांड में चला जाता है | मतलब अगर हम समझने के लिए मोबाइल टावर से लेंगे तों नेटवर्क बिजी वाली बात है | लेकिन ब्रम्ह मुहूर्त एक ऐसा समय है, जिसमे आधी से ज्यादी दुनिया सोती रहती है | तब आप अपना महत्वपूर्ण सोच, विचार ,सपनों के बारे में सोचते हैं, तो ब्रम्हांड में नेटवर्क बिजी नहीं होता है, वह आसानी से कनेक्ट हो जाता है, जिससे परिणाम में बदलाव बहुत जल्दी हो जाता है | दूसरे उदहारण की बात करें, अगर आप दिल्ली में हैं और जहाँ नेहरु प्लेस से गुरुग्राम दोपहर 12 बजे में जाना है तो आप कितनी देर में पहुचेंगे, और सुबह के चार बजे जाना हो तो कितने टाइम में पहुचेंगे, आप खुद इसका आंकलन करके देखें, बस उसी तरह इस ब्रम्हांड में आकर्षण के नियम काम करती है |
आज के समय में सोशल मीडिया का जमाना है, उसके साथ – साथ बहुत सरे मनोरंजन के साधन आपके मोबाइल में है, और जब तक वह आपके पास या यूँ कहें कि आपके हाथ में हैं, तब तक तो नींद नहीं आती, क्योंकि दुनिया भर के अच्छी और बुरी चीजे दोनों उपलब्ध होते हैं | लगभग आज के सभी युवा रात के 2 बजे से पहले कोई सोता नहीं होगा | तो वह रात के 3-4 बजे कैसे उठेगा | आप अपने गाँव – शहर जहाँ भी रहते हैं, वहाँ सूरज कब उगता है, उसका अनुमान लगा सकते हैं | करीब डेढ़ घंटे पहले उठने का प्रयास कीजिये और अपनी जो भी महतवपूर्ण बातें हैं, जो हमने पहले भी किया है | उसके ऊपर उस ब्रम्ह मुहूर्त में काम करिए, उसके बाद भले ही सो जाइये, लेकिन फिर से सोना उचित नहीं है | यह आपके सपनों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण समय है | वैसे तो जल्दी से सो जाना चाहिए और जल्दी उठा जाना चाहिए |
हिन्दू सभ्यता के अनुसार रात को चार भागों में बाँटा गया है, सभी धर्मों में सारी चीजें एक सामान ही है | लेकिन वह अलग – अलग नाम से जाना जाता है | शाम 06 से 09 बजे तक रूद्र काल, कहते हैं इस समय में बिलकुल नहीं सोना चाहिए | रात 09 से 12 बजे तक को राक्षस काल, यह समय में जागना ही नहीं चाहिए , लेकिन हम सारे युवा इस समय बिलकुल जागते ही हैं | रात 12 से 03 बजे तक को गन्धर्व काल कहते हैं, यह समय बहुत गहरी नींद में होते हैं | और अंतिम भाग 03 से 06 बजे तक मनोहर काल कहते हैं, इस समय में बिस्तर छोड़ देना चाहिए, यही समय ब्रम्ह मुहूर्त होता है, जिसमें अपार ब्रम्हांडीय शक्ति होती है, जो की जीवन को अच्छे से चलाने के लिए बनाने वाला समय होता है |
जब आप सोते हैं तब हमारे मस्तिस्क में या कहें कि हमारे शरीर में बहुत ही कम ब्रम्हांडीय शक्ति का प्रवेश होता है| लेकिन जब आप जन ध्यान करते हैं, तब ब्रम्हांडीय शक्ति बहुत अच्छे से हमारे शरीर में प्रवेश करती है | अगर हम ध्यान ब्रम्ह मुहूर्त में करें तो आप खुद अनुमान लगा सकते हैं, कि कितना ब्रम्हांडीय शक्ति आपके शरीर में प्रवेश करती हैं | जो हमारे सोचने कि क्षमता, कार्यप्रणाली, प्रतिरोधक क्षमता, परखने कि क्षमता को बढाती है | जिससे आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए पूर्णतः तैयार होते जाते हैं | आप सभी अवचेतन मन के बारे में जानते ही होंगे, नहीं जानते हैं तो बता दूँ, आपके दिनचर्या में जो भी समय गुजरता है, जिसमे कुछ अच्छे, बुरे यादें या कार्य जो आपके दिमाग के एक कोने में बंद हो जाता है, मतलब आपको याद भी नहीं होता है, उसको ही अवचेतन मन कहते हैं | इसकी ताकत चेतन मन से भी ज्यादा होती है, इसको आप ध्यान के सहारे अपने कब्ज़े में ला सकते हैं | जरुरी नहीं है कि आपको सफलता पाने के लिए ध्यान करना ही जरुरी है, ऐसा बिलकुल नहीं है | जो सपनें हो सकता है वो करें, लेकिन जो सकारात्मक उर्जा प्रदान करे | ब्रम्ह मुहूर्त में किया गया कोई भी कार्य कुछ भी हो, उस काम का फल उम्मीद से ज्यादा ही मिलता है | एक उदाहरण यह भी है कि अगर आप किसी नदी में गए हो तो, जिस दिशा में पानी बह रहा है, उस दिशा में तैरना शुरू करते हैं, तो किनारा जल्दी मिलता है | उसके विपरीत अगर आप तैरते हो तो किनारा देर से मिलेगी | कहने का मतलब है कि ब्रम्हाड में बहुत उर्जा है उसको पाने के लिए सही समय में ही कार्य करना होगा |
प्रिय आगंतुक आपने हमारा लेख पढ़ा, उसके लिए आपको दिल से धन्यवाद् | आपको कैसा लगा फीडबैक निचे दिए गए कमेंट्स सेक्शन में जाकर जरुर देंवे ताकि हमें अपना गुणवत्ता समझने में सहायता हो |
#DREAMS COME TRUE #AAB SAPNE HONGE PURE
अब सपनें होंगे पुरे | AAB SAPNE HONGE PURE | DREAMS COME TRUE2 thoughts on “”
True
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