किसी ने बहुत खूब कहाँ है कि हर इंसान को हर पल हर वक़्त अपने लिए सिर्फ जीत ही चाहिए होती है, पर फूलों की दूकान एक ऐसी जगह है जहाँ हम अपने लिए हार मांगते है !!
इसी बात पे आज एक कहानी से शुरुआत करते है, ये कहानी है अमेरिका के Sanders नामक लड़के की, जिसका जन्म 1890 में अमेरिका के Indiana के Henryville में हुआ था | 6 साल की उम्र में उनके पिता का देहांत हो गया| पिता के इस दुनिया से चले जाने के बाद उनकी माँ ने फैक्ट्रीज में काम करना शुरू किया | उनकी माँ पूरा दिन फैक्ट्री में काम करती थी, सुबह जाती थी शाम में आती थी | Sanders भाई-बहनों में सबसे बड़ा था, तो उनके लिए खाना बनाने का काम sanders ने किया, इतनी छोटी सी उम्र में उसे खाना बनाने का काम करना पड़ा | उसने छठवीं कक्षा तक पढाई की उसके बाद पढाई छोड़ दी, घर में जिम्मेदारियां ऐसी थी की छोटे भाई-बहन और घर का खर्च इसलिए उसने काम करना शुरु कर दिया | खेतों में जाकर काम करता था, लेकिन पैसे उतने नहीं मिल रहे थे | एक दिन उसे किसी ने बताया की घोड़ा गाड़ी को पेंट करने का काम है, तो उसने वो काम करना शुरू कर दिया, वहां से थोड़े पैसे आने लगे | 16 साल की उम्र में उसने सोचा कुछ बड़ा करना चाहिए | अपनी उम्र छुपा कर उसने अमेरिका की आर्मी ज्वाइन कर ली | वहां चला तो गया, पर एक साल में ही उसका झूठ पकड़ा गया और उसे आर्मी से बाहर निकाल दिया गया |
उसके बाद Sanders ने रेलवे में नौकरी की, एक दिन वहां किसी साथी से उसका झगडा हो गया और उसे नौकरी से निकाल दिया गया | उसे हर जगह बस हार ही हार मिल रही थी | अब Sanders को लगा पढ़ना बहुत ज़रूरी है तो उसने एक यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया और law की पढाई की | वो वकील बन भी गया और एक लीगल केस अपने हाथ में ले भी लिया लेकिन उस केस में ऐसा फंसा की उसका पूरा law का करियर बर्बाद हो गया और उसका काम बंद हो गया | अब तक उसे हर तरफ से सिर्फ निराशा ही हाथ लग रही थी | अब वो पूरी तरह से निराश होने के बाद वापस अपने घर अपनी माँ के पास गया | वहां जाकर माँ से कहा- ‘माँ कुछ समझ नहीं आ रहा है हर तरफ से सिर्फ हार मिल रही है’ माँ ने कहा – ‘हार मिल रही है वो तो ठीक है पर तुम्हे हार माननी नहीं है, तुम्हे फिर से कुछ काम शुरु करना चाहिए’ |
अब Sanders ने एक इन्शुरन्स एजेंट का काम शुरु किया, घर-घर जाकर इन्शुरन्स बेचना शुरु किया | इस बार लगा थोड़ा लाइफ ट्रैक में आ रही है सब ठीक चल रहा है, और एक दिन उसने अपने कंपनी के ऑर्डर्स को फॉलो नहीं किया और इस बात से नाराज़ होकर उसके बॉस ने उसे नौकरी से निकाल दिया | Sanders ने 1920 में एक नाव बनाने की कंपनी शुरु की और उस बिज़नस से जो पैसे आये उससे केमिकल लैम्प्स बनाने का काम शुरु किया| इस बार फिर उसे लगा की काम अच्छा चल जायेगा और बहुत बड़ा बिज़नस एम्पायर बनेगा और वो कमाल करके दिखायेगा, की उसी वक़्त एक बड़ी कंपनी ने वही प्रोडक्ट मार्केट में लॉन्च कर दिया वो भी बहुत ही बढ़िया क्वालिटी के साथ, इस कारण Sanders का ये बिज़नस भी बंद हो गया |
Sanders को समझ ही नहीं आ रहा था की आखिर ज़िन्दगी उससे चाहती क्या है ? 40 की उम्र में उसको किसी ने फ्यूल स्टेशन पे नौकरी दी, वहाँ जाकर काम करने लगे कुछ ठीक-ठाक पैसे मिलने लगे की अचानक से मंदी का दौर आ गया और वो फ्यूल स्टेशन भी बंद हो गया | अब देखिये इस इंसान की किस्मत की इसे हर बार सिर्फ और सिर्फ हार ही मिल रही थी ज़िन्दगी में | इसी बीच Sanders को किसी ने ऑफर दिया एक सर्विस स्टेशन डालने का और कहाँ की जो भी प्रॉफिट होगा वो आपस में बाँट लेंगे, उन्होंने ये काम शुरु किया | थोड़े समय के बाद Sanders को महसूस हुआ की कुछ अपना खुद का करना भी जरुरी है | उन्होंने सर्विस स्टेशन के साथ-साथ एक छोटी सी स्टाल लगाई जिसमे उन्होंने उनके बचपन का हुनर, खाना बनाने का, जो उन्हें बहुत पसंद भी था वो शुरु किया और वहां पर फ्राइड चिकन बनाना शुरु किया | Sanders की ये रेसिपी सबको बहुत पसंद आने लगी | शुरुआत में Sanders ने जो भी लोग वहां पर आते उनको फ्री में खाना खिलाना और फ्राइड चिकन खिलाना शुरु किया | अब लोगों को वो स्वाद पसंद आने लगा, लोग वहां सिर्फ ये खाने के लिए आने लगे | Sanders ने अब रोड साइड में एक छोटी सी दुकान डाल ली और वहां लोगों की भीड़ लगने लगी |
एक दिन उस राज्य के जो गवर्नर है वो वहां से जाते हुए Sanders की दूकान में रुक कर नाश्ता करने लगे उन्हें ये फ्राइड चिकन बहुत पसंद आया उन्होंने उस फ्राइड चिकन को नाम दिया Kentucky Colonel और अब Sanders के फ्राइड चिकन इस नाम से मशहूर होने लगे | इसी बीच में एक आदमी जो उनके restaurant में काम करता था उसका किसी के साथ झगडा हो गया और वो restaurant बंद हो गया | Sanders ने हार नहीं मानी एक दूसरा restaurant खोला, लेकिन पता नहीं ऊपर वाला क्या चाहता था उस restaurant में आग लग गई और वो restaurant तबाह हो गया | लगातार हार मिलने के बाद भी Sanders ने हार नहीं मानी और फिर से एक restaurant शुरु किया और वहाँ का सबसे फेमस डिश फ्राइड चिकन खिलाता रहा | इसी बीच वर्ल्ड वार-II शुरु हो गया और दुनिया की जो स्थिति थी उसमे वो restaurant भी बंद हो गया | एक बार फिर उसे हार का सामना करना पड़ा |
वर्ल्ड वार-II जब खत्म हुई तो फिर से Sanders को लगा की ज़िन्दगी की नई शुरुआत करनी चाहिए, लेकिन इस बार restaurant शुरु करने के लिए पैसा नहीं था, तो उसके दिमाग में ये बात आई की उसकी जो रेसिपी है वो लोगों को बहुत पसंद आई थी, तो क्यूँ न इसे अलग-अलग restaurant में लेकर जाये | उसने यही किया वो अलग-अलग restaurant में जाकर अपनी फ्राइड चिकन की रेसिपी बनाने लगा और खिलाने लगा, लेकिन उसे हर बार restaurant वालों ने रिजेक्ट कर दिया | Sanders की फ्राइड चिकन की रेसिपी को कुल 1009 बार रिजेक्ट किया गया | उसके बाद उनके ही शहर के एक बड़े restaurant ने उनकी रेसिपी को एक्सेप्ट किया, जो कि लोगों को भी बहुत पसंद आई और ऐसा करते हुए अलग-अलग restaurant में उनके रेसिपी की मांग बढ़ने लगी और Sanders अलग-अलग restaurant में जाकर अपनी रेसिपी बनाते, उन्हें समय का कुछ होश नहीं होता, कभी कभी तो अपनी कार में ही सो जाते, वो अब सिर्फ अपने बिज़नेस को बढ़ाना चाहते थे |
1964 में Kentucky Fried Chicken (KFC) की 600 ब्रान्चेस अमेरिका में खुल चुकी थी और 1969 में Newyork में stock exchage market में KFC का नाम गूंज रहा था | अपनी ज़िन्दगी के 75 की उम्र में Sanders अपने सपने को जी रहे थे | अब KFC अमेरिका से निकल कर दुसरे देशों में जाने लगा और उसकी 3500 ब्रांच हो गई | 1980 में 90 की उम्र में जब Colonel Harland Sanders ने अपनी आखरी सांस ली तब पूरी दुनिया में 6000 से ज्यादा outlet खुल चुके थे | KFC के logo में जो बूढ़े अंकल है वही है Sanders |
दुनिया में बहुत से लोग है जो एक या दो बार हारने पर ही अपना आत्मविश्वास और हिम्मत खो देते है | अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, की आप बार- बार हार का सामना कर रहे है तो इस कहानी को बार-बार पढ़िए और देखिये की Sanders ने अपनी ज़िन्दगी में संघर्ष 6 साल की उम्र से शुरु किया था और उन्हें 75 की उम्र में आकर सफलता मिली लेकिन एक बार भी उन्होंने हार नहीं मानी |
आपका भी नाम दुनिया में मशहूर होगा उसके लिए इंतज़ार करो और भरपूर मेहनत करो | याद रखिये हारोगे नहीं तो सीखोगे कैसे? और सीखोगे नहीं तो जीतोगे कैसे !!!
Kar Dikhao Kuchh Aisa Ki Duniya Karana Chaahe Aapake Jaisa | कर दिखाओ कुछ ऐसा की दुनिया करना चाहे आपके जैसा6 thoughts on “”
It’s awesome line
dhanyAWAD
Excellent motivational story
I didn’t knew about it. Pls share more such stories.
Really I am feeling motivated.
Shukriya
bahut hi motivational hai.
lekin aaj sabra kiske pas hai
vahi to khel hai madam, Sabra hai tabhi to tarakki hai